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मध्य प्रदेश में 1.60 लाख करोड़ रुपये का होगा निवेश, 2 लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

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भोपाल: देश का दिल मध्य प्रदेश अब औद्योगिक शक्ति के रूप में देशभर में स्थापित होने की तैयारी कर रहा है, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने साल 2025 को औद्योगिक वर्ष के रूप में मनाने की घोषणा की है वहीं पिछले दिनों उज्जैन और मुंबई में इन्वेस्टर समिट में 1.60 लाख करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। जिससे करीब 2 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा साथ ही 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इन्वेस्टर्स समिट होने जा रही है, इसमें भी करोड़ों का निवेश मध्य प्रदेश आने की पूरी उम्मीद है।

मध्य प्रदेश में आर्थिक विकास को गति देने के लिए प्रदेश की मोहन सरकार अब औद्योगिक विकास पर अपना ध्यान केंद्रित कर रही है। जिसके चलते साल 2025 को उद्योग वर्ष के रूप में मनाया जाएगा इसके साथ ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव देशभर के सभी बड़े औद्योगिक समूहों से चर्चा कर रहे हैं। इसकी शुरुआत मुंबई में उद्योगपतियों के साथ हुई चर्चा से हो चुकी है, मुंबई में चर्चा के दौरान रिलायंस के अध्यक्ष अनिल अंबानी ने मध्य प्रदेश के शहडोल में रक्षा क्षेत्र में 50 हज़ार करोड़ के निवेश की मंशा जताई है। वहीं प्रदेश के बैतूल सतना और दमोह जिले में करीब 17 हज़ार करोड़ के निवेश के लिए जेएसडब्ल्यू ग्रुप ने प्रस्ताव दिया है।

मुंबई में उद्योगपतियों से हुई चर्चा के बाद मिले प्रस्ताव और उज्जैन में हुई रीजनल इन्वेस्टर समिट के प्रस्तावों को मिला लिया जाए तो मध्य प्रदेश में करीब 1.60 लाख करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। जिससे 2 लाख से भी ज्यादा लोगों को रोजगार मिलेगा। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने पिछले दिनों इसकी जानकारी देते हुए प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ाने के लिए सरकार के प्रयासों की जानकारी दी थी।

उज्जैन के बाद अब 20 जुलाई को जबलपुर में रीजनल इन्वेस्टर समिट होने जा रही है, जिसमें विभिन्न औद्योगिक समूहों के 1000 से ज्यादा प्रतिनिधि शामिल होने वाले इस समिट में बायर-सेलर मीट भी होगी। साथ ही 70 परियोजनाओं का लोकार्पण और भूमि पूजन भी किया जाएगा सरकार को उम्मीद है की जबलपुर में होने वाली रीजनल इन्वेस्टर समिट में करीब 1222 करोड रुपए से अधिक का निवेश होगा, जिसमें 3444 लोगों को रोजगार भी मिलेगा।

जबलपुर में होने वाली रीजनल इन्वेस्टर समिट में रक्षा और कृषि उत्पादन से जुड़े क्षेत्रों में निवेश की संभावनाएं हैं, इसी तरह का आयोजन सितंबर में ग्वालियर और अक्टूबर में रीवा में भी प्रस्तावित है। इसके बाद सागर और दमोह में भी रीजनल इन्वेस्टर सबमिट की जानी है। इसके पीछे सरकार की मंशा है कि प्रदेश की सभी जिलों में औद्योगिक गतिविधियों को समान रूप से बढ़ावा मिले।

पिछले दिनों कई औद्योगिक समूहों से चर्चा के बाद मुख्यमंत्री ने बताया कि देश के बड़े औद्योगिक घराने मध्य प्रदेश में निवेश के लिए उत्साहित है। दूसरी तरफ मध्य प्रदेश में वो तमाम इंफ्रास्ट्रक्चर मौजूद हैं, जो उद्योगों के विकास के लिए बेहद जरूरी माने जाते हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि अभी तक जो प्रस्ताव मिले हैं उनमें एग्रो आयल एंड गैस के प्रबंध संचालक प्रणव अडानी ने 75000 करोड़, जेके सीमेंट ने 4000 करोड़, एशियन पेंटस ने 2000 करोड़, एचईजी ने 1,800 करोड़, वोल्वो आयशर और हिंदुस्तान इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज ने 1500 – 1500 करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव दिए हैं। इस निवेश से लगभग 1 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

इसी तरह मुंबई में विभिन्न उद्योगपतियों से अलग-अलग चर्चा में 73 हजार 950 करोड़ रुपये के निवेश की इच्छा जताई गई है। इसमें रिलायंस अनिल धीरूभाई अंबानी ग्रुप ने शहडोल में रक्षा क्षेत्र में 50 हजार करोड़ रुपये, जेएस डब्ल्यू लिमिटेड ने बैतूल, शहडोल और दमोह में 17 हजार करोड़ रुपये के निवेश का प्रस्ताव दिया है। एलएंडटी ने इंदौर में दो हजार करोड़, ग्रेसिम इंडस्ट्रीज ने नागदा में 4000 करोड़ गोदरेज कन्ज्यूमर प्रोडक्टस ने मालनपुर भिंड में 450 करोड़ और योटा डेटा सर्विस ने इंदौर में 500 करोड़ रुपये निवेश की प्रतिबद्धता जताई है। इससे भी लगभग एक लाख रोजगार के अवसर सृजित होंगे। महिंद्रा होलीडे ने देवास और बांधवगढ़ में 750, ओबेराय होटल ग्रुप ने 400 करोड़ और साज होटल ग्रुप ने वाइल्ड लाइफ टूरिज्म के क्षेत्र में निवेश के प्रस्ताव दिए हैं।

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