Local & National News in Hindi

30 सालों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए जलापूर्ति की कार्य योजना बनाई जाए – मुख्यमंत्री

0 9

वर्षा जल संरक्षण और भूजल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं।

 

पेयजल के गुणवत्ता की समय – समय पर टेस्टिंग की जाए।

आगामी 30 साल की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में जलापूर्ति के लिए कार्ययोजना बनाई जाए। वर्षा जल संरक्षण और भू जल स्तर को बढ़ाने के लिए प्रभावी कदम उठाये जाएं। जल स्रोतों, नदियों और जल धाराओं के पुनर्जीवीकरण के लिए जन सहयोग लिया जाए और इस क्षेत्र में कार्य कर रहे लोगों के सुझाव लेकर उनको आगे की कार्ययोजनाओं में शामिल किया जाए। पेयजल, जल संचय और जल संरक्षण के लिए आगामी 10 सालों और आगामी 30 सालों की आवश्यकताओं के हिसाब से अलग-अलग ठोस प्लान बनाया जाए। राज्य की अंतिम सीमा तक गंगा का जल पूर्ण रूप से पीने लायक हो इस दिशा में कार्य किये जाएं। गंगा की सहायक नदियों पर एसटीपी के कार्य किये जाएं। गंगा की स्वच्छता के लिए जनसहयोग और सुझाव लिये जाएं। ये निर्देश मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने गुरूवार को सचिवालय में पेयजल और जलागम की बैठक के दौरान दिये।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगे कनेक्शनों से लोगों को नियमित जलापूर्ति हो, इसके लिए पुराने जल स्रोतों के पुनर्जीवीकरण के साथ ही नये जल स्रोत भी चिन्हित किये जाएं, जिससे गर्मियों में पेयजल की समस्या न हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि पानी के स्टोरेज टैंक और पेयजल टेंकर की नियमित सफाई की जाए। उन्होंने कहा कि राज्य में पेयजल की गुणवत्ता की समय-समय पर टेस्टिंग की जाए। गुणवत्ता के सभी मानक सही पाये जाने पर प्राकृतिक जल स्रोतों से निकलने वाले पानी के अधिक उपयोग के लिए लोगों को जागरूक किया जाए। लोगों को पेयजल की परेशानी न हो, इसके लिए टोल फ्री नम्बर के साथ ही जनपद स्तर पर कंट्रोल रूम भी बनाये जाएं। जन शिकायतों की विभाग स्तर पर नियमित मॉनिटरिंग भी की जाए।

 

मुख्यमंत्री ने कहा कि 05 साल से एक ही स्थान पर तैनात कार्मिकों की सूची उपलब्ध कराई जाए। नई पेयजल लाइन बिछने पर सड़क की खुदाई की शिकायतों के समाधान के लिए संबंधित विभागों द्वारा समन्वय बनाकर कार्य किये जाएं। मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि कि विभिन्न विभागों की जिन परिसंपत्तियों का उपयोग नहीं हो रहा है, उनकी समीक्षा कर सही उपयोग किया जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड रजतोत्सव वर्ष में प्रवेश कर गया है। इस युवा प्रदेश मे कार्य करने की अपार संभावनाएं हैं। हमें नवाचारों और बैस्ट प्रैक्टिस पर विशेष ध्यान देना है, हमारा प्रयास होना चाहिए कि राज्य में कुछ ऐसी योजनाएं बने, जो अन्य राज्यों के लिए भी मॉडल बने। उत्तराखण्ड में सारा के तहत हो रहे कार्यों की भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने भी सराहना की है।

Leave A Reply

Your email address will not be published.