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हाथरस कांड: मनरेगा में नौकरी, 10 साल से भोले बाबा का मुख्य सेवादार… कौन है देव प्रकाश?

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उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में हुए सत्संग में मची भगदड़ के मुख्य आरोपी देव प्रकाश मधुकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. वहीं, भोले बाबा पक्ष के वकील का दावा है कि उसने पुलिस के सामने सरेंडर किया है. देव प्रकाश हादसे वाले दिन से फरार चल रहा था. पुलिस ने उस पर 1 लाख रुपये का इनाम घोषित किया हुआ था. हादसे का मुख्य आरोपी देव प्रकाश को बनाया गया था. इसी ने पूरे सत्संग आयोजन की कमान संभाली हुई थी.

भोले बाबा उर्फ नारायण साकार हरि के खास सेवादार देव प्रकाश मधुकर ने फुलरई मुगलगढ़ी में हुए सत्संग की अनुमति सिकंदराराऊ एसडीएम से ली थी. अनुमति में 80 हजार लोगों की भीड़ जुटने की बात कही गई थी, लेकिन कार्यक्रम में ढाई लाख के करीब भीड़ जुट गई. भोले बाबा ने देव प्रकाश को मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी दी हुई थी. हादसे के बाद से वह पुलिस की रडार पर था.

10 साल पहले आ गया सिकंदराराऊ

देव प्रकाश देवधर हाथरस जिले के सिकंदराराऊ की मोहल्ला दमदपुरा नई कॉलोनी में रहता है. मूल रूप से देव प्रकाश एटा जिले की अवागढ़ ब्लॉक की ग्राम पंचायत सलेमपुर गादरी के मजरा सलेमपुर का रहने वाला है. आज भी गांव में उसकी संपत्ति है. वहां देव प्रकाश के माता-पिता रहते हैं. साल 2014 में अपना पैतृक गांव छोड़कर देव प्रकाश सिकंदराराऊ में आकर रहने लगा था.

मनरेगा में तकनीकी सहायक के पद पर है तैनात

देव प्रकाश एटा जिले में मनरेगा में तकनीकी सहायक के पद पर कार्यरत है. वह काफी सालों से नारायण साकार हरि के सत्संगों से जुड़ा हुआ है. 10 साल पहले सिकंदराराऊ आते ही उसकी रूचि बाब में और ज्यादा बढ़ गई. वह भोले बाबा की मानव मंगल मिलन सद्भावना समागम समिति से जुड़ गया और बढ़चढ़ कर सत्संगों के कामों में भाग लेने लगा. उसकी लग्न और निष्ठा को देखते हुए उसे मुख्य सेवादार की जिम्मेदारी दे दी गई. 123 मौतों का मुख्य आरोपी मानते हुए पुलिस ने देव प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया है. मनरेगा में उसके खिलाफ सेवा समाप्ति की भी कार्रवाई की जा रही है.

भगदड़ में चली गई 123 लोगों की जान

सोमवार, 2 जुलाई को हाथरस जिले की सिकंदराराऊ तहसील के गांव फुलरई मुगलगढ़ी में नारायण साकार विश्व हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग समाप्ति के दौरान भगदड़ मच गई. लोग एक के ऊपर एक गिरने लगे थे. इस बड़े हादसे में 123 लोगों की जान चली थी. मरने वालों में सबसे ज्यादा महिलाएं थीं. इस आयोजन के लिए ली गई परमीशन में 80 हजार लोगों की भीड़ जुटने की बात कही गई थी, लेकिन यहां ढाई लाख से ज्यादा भीड़ आ गई थी. हादसे के बाद से भोले बाबा भी फरार चल रहा है. हालांकि, हादसे में बाबा के खिलाफ पुलिस ने कोई शिकायत दर्ज नहीं की है.

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