2660 करोड़ गटक गये पेयजलकर्मी :
– सीएजी की रिपोर्ट से एडवोकेट विकेश नेगी ने किया खुलासा
– विधानसभा में भी पेश नहीं की रिपोर्ट, न ही हुई कोई चर्चा
देहरादून। उत्तराखंड पेयजल निगम ने वर्ष 2016 से अब तक लगभग 2660.27 करोड़ का गोलमाल किया है। यह गड़बड़ी निर्माण और विकास कार्यों में अनियमितता के तौर पर की गयी है। आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने कंप्ट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल यानी सीएजी की रिपोर्ट के आधार पर किया है। एडवोकेट नेगी के मुताबिक कोराना काल 2021-22 में भी पेयजल निगम ने 829.90 करोड़ डकार लिए। एडवोेकेट विकेश नेगी ने इस संबंध में मुख्यमंत्री को शिकायत कर दोषी अफसरों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है। अहम बात यह है कि सीएजी की इस रिपोर्ट को विधानसभा के पटल पर भी नहीं रखा गया। एडवोकेट नेगी ने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस प्रकरण की जांच उच्चस्तरीय समिति, एसआईटी, विजिलेंस या सीबीआई से कराई जाएं। एडवोकेट विकेश नेगी ने आरटीआई से पेयजल निगम के आडिट की जानकारी मांगी। कैग रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार पेयजल निगम में वर्ष 2016-17 के दौरान 92.41 करोड़, 2017-18 और 2018-19 में तो आडिट किया ही नहीं गया। इसके अलावा 2019-20 में 656.05 करोड़, 2020-21 में 829.90 करोड़, 2021-22 में 43.48 करोड़, 2022-23 में 96.99 करोड़, 2023-24 में 803 करोड़ और 2024-25 में मई माह तक 38.41 करोड़ की अनियमितताएं की गयी। इस आधार पर इन वर्षों के दौरान पेयजल निगम में कुल 2660 करोड़ 27 लाख रुपये की गड़बड़ी पायी गयी।
एडवोकेट विकेश नेगी के कहना है कि पेयजल निगम के ठेकेदारों ने जीएसटी का भुगतान भी नहीं किया और कई ठेकेदारों ने काम पूरा होने से पहले ही बिना बैंक गारंटी के अग्रिम भुगतान भी हासिल कर लिया। विभाग ने ठेकेदारों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की और न ही उनसे ब्याज वसूली की। निर्माण कार्यों में नियमों की अनदेखी कर रॉयल्टी भी नहीं ली गयी। कई विकास और निर्माण कार्यों की गुणवत्ता निम्न स्तर की पाई गयी जो कि शासनादेशों का उल्लंघन है। एडवोकेट विकेश नेगी के मुताबिक सीएजी की रिपोर्ट में भी कहा गया है कि अनियमितताओं में ठेकेदारों और पेयजल अधिकारियों और कर्मचारियों की मिलीभगत है।