विकासनगर के उद्यान सचल क्षेत्र में फल पट्टी अब लालच की बलि चढ़ रही है—कल्याणपुर और प्रतीतपुर में लकड़ी ठेकेदारों-भूमाफियाओं का बेलगाम तांडव! हरे-भरे आम के पेड़ बिना इजाजत रातोंरात जड़ से उखाड़ फेंके जा रहे, ताकि कृषि जमीन पर प्लॉटिंग का जाल बिछे। तस्वीरें चीखती हैं—तने धराशायी, जड़ें मिट्टी से मिटाई गईं। लक्कड़ ठेकेदार कुल्हाड़ी चलाते हैं, जमीन मालिक मोटी रकम हड़पते हैं, भूमाफिया प्लॉट काटकर मनमाने दामों पर बेचते हैं—और उद्यान-वन विभाग? बस जुर्माना ठोककर आंखें मूंद लेते हैं, फाइल दफन! यह पछुवादून की फल पट्टी है—कभी आम-लीची-अमरूद की मिठास से लबरेज, किसानों की रोटी का आधार। लेकिन अब मुनाफे की लालची भठ्ठी बन चुकी है! और हैरानी की बात, यह कोई पहला मामला नहीं—पछुवादून से आए दिन ऐसे मामले सामने आते रहे हैं। लकड़ी बेचो, प्लॉट बेचो—जुर्माना? महज खानापूर्ति! काटो, कमाओ, थोड़ा-सा भर दो। विभाग की नाकामी साफ दिखती है—निगरानी नाममात्र की। पेड़ कटने से पहले गश्त नहीं, कटाई के बाद सिर्फ हिसाब। असली सुरक्षा तो तब होगी, जब बगीचे पहले बचें, कटाई पहले रुकें! इस पूरे मामले पर एसडीएम विनोद कुमार ने बताया कि वन विभाग, राजस्व विभाग और उद्यान विभाग की संयुक्त टीम का गठन किया गया है और इस टीम के द्वारा फलदार आम के अवैध कटाई मामले मै सम्मिलित व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा होगा और ऐसी भूमि को सील करने की कार्रवाई की जाएगी।