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“धाकड़ CM की पहल: युवा बन रहे हैं सफल व्यवसायी और उद्यमी”

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देवभूमी उत्तराखंड के फलदाकोट गांव की चर्चा इन दिनों पूरे देश में बनी हुई है जी हैं क्योंकि इस गांव के युवा नवीन पटवाल ने बड़े-बड़े वैज्ञानिकों को गलत साबित कर गांव की बंजर पड़ी भूमि पर दुनिया की सबसे महंगी गुच्छी मशरूम को उगने में सफलता पाई है जिसके बाद अब पूरे देश में उनका लोहा माना जा रहा है। रिपोर्ट देखये

 

देवभूमि उत्तराखंड के पौड़ी जिले के फलदाकोट गांव में नवीन पटवाल द्वारा गुच्छी मशरूम की व्यावसायिक खेती को सफलता पूर्वक किया गया हैं। इसके बाद से नवीन पटवाल इन दिनों चर्चाओं में बने हुये है बताते चलें कि इससे पहले आज तक बड़े-बड़े वैज्ञानिकों ने भी इस मशरूम की व्यावसायिक खेती सफलतापूर्वक नहीं की है उसके बावजूद नवीन पटवाल द्वारा उत्तराखंड के गांव में इस खेती को सफलतापूर्वक की जाने पर पूरे क्षेत्र में उनका डंका बजता हुआ दिखाई दे रहा है। आपको बता दें कि नवीन पटवाल आईटी प्रोफेशनल हैं जो कि लंबे समय से गुच्छी मशरूम की व्यावसायिक खेती करने का कार्य कर रहे थे उन्हें पता था कि अगर वह गुच्छी मशरूम को उगाने में सफलता हासिल करते हैं तो यह भारत में पहली बार होगा।

 

वहीं ग्राम प्रधान विजय दर्शन ने बताया कि नवीन पटवाल ने कुछ साल पहले शहरों की चकाचौंध को छोड़कर अपने गाँव लौटने का फैसला किया। उन्होंने मशरूम की खेती में अपनी किस्मत आजमाई आज वह उस मशरूम को उगाने में सफलता प्राप्त कर चुके हैं जिस मशरूम को बड़े-बड़े वैज्ञानिको ने आज तक उगने में सफलता प्राप्त नहीं की यह पहली बार है कि किसी पोली हाउस के अंदर गुच्छी मशरूम को सफलतापूर्वक उगाया गया है, जिसे नवीन पटवाल ने अपनी कड़ी मेहनत से अपने गाँव की मिट्टी में उगाकर दिखाया है। विजय दर्शन बताते हैं कि नवीन पटवाल 2 साल पहले भी गुची मशरूम उगाने का प्रयास करते रहे जिस पर वह नाकाम साबित हुए लेकिन उन्होंने अपना हौसला नहीं छोड़ा और लगातार इस मशरूम को उगाने के लिए कार्य करते रहे उनकी इसी मेहनत का फल आज उन्हें मिलता हुआ दिखाई दे रहा है।यही कारण रहा कि उनकी इस सफलता को देखते हुए उनके गांव पहुंचे मशहूर मशरूम वैज्ञानिक डॉ. मंजीत सिंह ने उनकी इस मेहनत की जमकर तारीफ की है उन्होंने कहा की नवीन पटवाल ने यह साबित कर दिया है कि अगर मन में कुछ करने का जज्बा हो, तो कोई भी कार्य नामुमकिन नहीं है। उन्होंने न सिर्फ अपने गाँव का नाम रोशन नहीं किया बल्कि पूरे उत्तराखंड के साथ-साथ देश को भी गौरवान्वित किया है।

 

 

वहीं जिला उद्यान अधिकारी राजेश तिवारी ने बताया कि गुच्छी मशरूम का उत्पादन हिमाचल और जम्मू कश्मीर में ही किया जाता है लेकिन जनपद पौड़ी में पोली हाउस में इसका उत्पादन करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है उन्होंने बताया कि अब प्रदेश सरकार नवीन पटवाल के साथ एग्रीमेंट कर जनपद पौड़ी के 10 ऐसे में मशरूम का उत्पादन करने जाएगा जहां पर इसके उत्पादन के लिए क्लाइमेट उपयोगी हो।

 

 

 

 

अगर सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले दिनों में देवभूमि उत्तराखंड के अन्य स्थानों में भी दुनिया की सबसे महंगी गुच्छी मशरूम का उत्पादन अब संभव हो पाएगा जिससे पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड को एक बड़ी सफलता मिलने के साथ-साथ रोजगार के अवसर भी उत्तराखंड में बढ़ जाएंगे और यहां की युवाओं को रोजी-रोटी के लिए बड़े शहरों की ओर नहीं जाना पड़ेगा जो कि देवभूमि उत्तराखंड के लिए बड़ी उपलब्धि होगी।

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