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“सेफ सफर ऐप: शादियों में वाहनों की सुरक्षा का नया मानक”

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प्रदेश में यह पहली बार हुआ है, जब शादियों में किराए पर लिये जाने वाले व्यवसायिक वाहनों की निगरानी और पंजीकरण के लिए एक समर्पित डिजिटल पोर्टल तैयार किया गया हो। यह ऐप 2023 में शुरू किया गया था। जिस क्षेत्र में बारात की बस व टैक्सी-मेक्सी जाती हैं, उन क्षेत्रों के राजस्व कर्मी और पुलिस कर्मी उनसे ‘सेफ सफर एप’ में पंजीकरण किया है या नहीं, इसकी जानकारी भी लेते हैं। इससे जनपद में ओवर लोडिंग न होने ओर शराब पीकर वाहन का संचालन नहीं करने पर दुर्घटनाओं पर अंकुश लगेगा। जब से इस ऐप की शुरुआत हुई है, तब से शादियों के लिए हायर हुए व्यवसायिक वाहनों की दुर्घटनाओं में कमी देखने को मिली है। 2023 को शुरू हुआ यह ऐप न केवल तकनीकी नवाचार का उदाहरण है, बल्कि यह दिखाता है कि एक ईमानदार और संवेदनशील प्रशासक अपने जनपद की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर कितना सजग हो सकता है। ‘सेफ सफर ऐप’ पौड़ी जनपद में शादियों के दौरान होने वाली वाहन दुर्घटनाओं में कमी लाता है। डीएम डॉ. आशीष चौहान ने न केवल इस पोर्टल को बनवाया, बल्कि इसके संचालन में विभिन्न विभागों जैसे राजस्व, पुलिस और परिवहन के समन्वय को भी सुनिश्चित किया, जिससे निगरानी मजबूत हुई और व्यवस्था पारदर्शी बनी। सेफ सफर ऐप में पंजीकरण की अनिवार्यता और अस्थयी परमिट की प्रक्रिया ने यह सुनिश्चित किया कि कोई भी वाहन बिना वैध दस्तावेज और सुरक्षा मानकों के बिना सड़क पर न उतरे। यही वजह है कि 2023 से लेकर 2025 तक हजारों वाहन स्वामियों ने इसमें पंजीकरण कराया और दुर्घटनाओं में गिरावट दर्ज की गयी। आरटीओ द्वारिका प्रसाद ने बताया कि शादी समारोहों के लिए हायर की गई सभी बसों व टैक्सी मैक्सी को ‘सेफ सफर ऐप’ पर पंजीकरण कराना होगा। साथ ही केवल बस संचालकों को अनिवार्य रूप से आरटीओ कार्यालय से शादी में जाने के लिए अस्थायी परमिट लेना होता है। यह व्यवस्था इसलिए बनाई गई है ताकि वाहन चालक नशे में न हों, कागजात पूरे हों और ओवरलोडिंग या ओवरस्पीडिंग न हो।

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