Local & National News in Hindi

उच्च न्यायालय ने कॉर्बेट नेशनल पार्क के बैल पड़ाव रेंज में चाँदनी सफारी इको टूरिज्म जॉन बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई

0 142

उत्तराखण्ड हाईकोर्ट ने वन विभाग के द्वारा कॉर्बेट नेशनल पार्क के बैल पड़ाव रेंज में चाँदनी सफारी इको टूरिज्म जॉन बनाए जाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर सुनवाई पर सुनवाई करते हुए कोर्ट की खण्डपीठ ने राज्य सरकार से पूछा है कि सम्बंधित विभागों से अनुमति ली है या नही कोर्ट को बताएं। आज हुई सुनवाई पर वन विभाग की तरफ से कहा गया कि यह अभी बनाया नही गया है प्रस्तावित है। जबकि याचिकाकर्ता की तरफ से कहा गया कि इसके लिए केंद्र सरकार से अनुमति नही ली गयी है राज्य सरकार अपने स्तर से इसे बना रही है। जो कि नियमो के विरुद्ध है।

 

आपको बता दे कि मुकेश विष्ठ, देवेंद्र सिंह फरतीयल, नवीन उपाध्याय निवासीगण गेबुआ, क्यारी और गजपुर छोई ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि तराई पश्चिमी वन प्रभाग के द्वारा बैल पड़ाव रेंज के 35 किलोमीटर एरिया को इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए विकसित किया गया है। अब वनप्रभाग इस क्षेत्र में चाँदनी सफारी ईको टूरिज्म के नाम से नया जॉन खोल रही है। जबकि कॉर्बेट नैशनल पार्क में पहले से ही 15 ईको टूरिज्म जॉन खुले हुई है। जनहित याचिका में विभाग पर आरोप लगाए गए है कि सफारी जॉन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा नही किया गया। जो कि भारत सरकार की गाईड लाइन व वन अधिनियम 1980 का उल्लंघन है। गाईड लाईन में कहा गया कि सफारी जॉन खोलने से पहले क्षेत्र के ग्रामीणों से सलाह मशविरा किया जाना आवश्यक है। जॉन खोलने से ग्रामीणों में आक्रोश है। ग्रामीणों का कहना है कि मानवों का जंगल मे आवागमन होने के कारण जानवर प्रभावीत होंगे। जिससे कि मानव वन्यजीव संघर्ष बढ़ेगा। पर्यावरण को क्षति होगी। जानवर आबादी क्षेत्रों का रुख करेगे। इसलिए इसपर रोक लगाई जाय। जबकि सरकार की तरफ से कहा गया कि जॉन को इसलिए खोला जा रहा कि इस क्षेत्र का विकास होगा। ग्रामीणों को रोजगार के नए अवशर मिलेंगे। इसका विरोध ग्रामीणों को नही करना चाहिए।

 

Leave A Reply

Your email address will not be published.