उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भूकंप के खतरे और बचाव राहत को लेकर प्रदेश में मॉक ड्रिल का किया आयोजन….
उत्तराखंड आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने भूकंप के खतरे और बचाव राहत को लेकर प्रदेश में मॉक ड्रिल का आयोजन किया। प्रदेश के 80 स्थान पर एक साथ मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया उत्तराखंड भूकंप के लिहाज से संवेदनशील राज्यहै। उत्तरकाशी और चमोली में बड़े भूकंप पहले भी आ चुके हैं। पिथौरागढ़ बागेश्वर भी भूकंप के लिहाज से बहुत संवेदनशील हैं। भूकंप के खतरे को देखते हुए उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने शनिवार को प्रदेश के सभी जनपदों में 80 स्थान पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया। जहां भूकंप के खतरे और भूकंप के दौरान आपदा एवं बचाव राहत कार्यों को कैसे किया जाता है यह सिखाया गया। उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन USDMA हेडक्वार्टर पहुंचे जहां उन्होंने सभी जनपदों में किया जा रहे भूकंप की मॉक ड्रिल का अवलोकन किया । इस दौरान मुख्य सचिव ने सभी जिला अधिकारियों से उनके जनपद में की गई मॉक ड्रिल और तैयारी को लेकर जानकारी ली। मीडिया से बात करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि किसी भी भविष्य के खतरे को लेकर पहले से तैयारी होना बेहद आवश्यक है इस मॉक ड्रिल के जरिए भविष्य में भूकंप के खतरे और उसके दौरान की जाने वाली कसरत को किया गया है।वहीं उत्तराखंड के सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन ने कहा कि उत्तराखंड एक ऐसा राज्य है जहां गर्मी में जंगलों की आग, मानसून के सीजन में बारिश बाढ़ और सर्दियों के सीजन में पहाड़ों पर भारी हिमपात चुनौती बना रहता है पहाड़ी राज्य होने के चलते भूकंप के लिहाज से भी उत्तराखंड बेहद संवेदनशील है ऐसे में उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन तंत्र सभी जनपदों में समय-समय पर इन आपदाओं को लेकर मॉक ड्रिल के जरिए लोगों को ट्रेनिंग भी देता है।